Dav College Cheeka

Principal’s Message

डी.ए.वी. कॉलेज, चीका की स्थापना वर्ष 1983 में हुई थी। इस संस्थान की नींव वैदिक आदर्शों और आधुनिक शिक्षा के अद्वितीय संगम के उद्देश्य से रखी गई थी। इसके निर्माण में तात्कालिक विधायक, स्थानीय समाजसेवियों, शिक्षा प्रेमियों और क्षेत्र के जागरूक नागरिकों का अत्यंत महत्वपूर्ण योगदान रहा। उन्होंने न केवल आर्थिक और नैतिक सहयोग प्रदान किया, बल्कि यह भी सुनिश्चित किया कि इस क्षेत्र के विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के लिए दूर-दराज़ न जाना पड़े। वास्तव में 

यह कॉलेज उस सामूहिक प्रयास और शिक्षा के प्रति समर्पण का परिणाम है, जिसने चीका और आस-पास के क्षेत्रों की शैक्षणिक तस्वीर ही बदल दी।महान समाज सुधारक स्वामी दयानंद सरस्वती के “वेदों की ओर लौटो” के उद्घोष और महात्मा हंसराज की शिक्षा-सेवा भावना हमारे संस्थान के मार्गदर्शक हैं। यही कारण है कि यहाँ शिक्षा को केवल ज्ञान अर्जन की प्रक्रिया न मानकर, चरित्र निर्माण, नैतिक विकास और समाज सेवा का माध्यम समझा जाता है।आज डी.ए.वी. कॉलेज, चीका लगभग 1300 विद्यार्थियों का परिवार है। हमारे छात्र न केवल पढ़ाई में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हैं, बल्कि खेल और सांस्कृतिक गतिविधियों में भी निरंतर श्रेष्ठ परिणाम प्राप्त कर रहे हैं। हमें गर्व है कि हमारे कई खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचे हैं और कॉलेज का नाम रोशन किया है। सांस्कृतिक मंचों पर हमारे विद्यार्थियों की प्रस्तुतियाँ हमेशा सराही जाती रही हैं—चाहे वह वाद-विवाद प्रतियोगिता हो, नाटक हो, गीत-संगीत हो या लोकनृत्य।

हमारे कॉलेज की सबसे बड़ी विशेषता है यहाँ का अनुशासित वातावरण। अनुशासन ही वह आधारशिला है जिस पर शिक्षा का वास्तविक विकास संभव है। विद्यार्थियों को समयपालन, मर्यादित व्यवहार और कर्तव्यनिष्ठा का अभ्यास कराया जाता है। यही कारण है कि हमारे छात्र जब कॉलेज से निकलकर समाज में जाते हैं तो वे जिम्मेदार, संस्कारित और आत्मनिर्भर नागरिक सिद्ध होते हैं।शिक्षा के साथ-साथ हम विद्यार्थियों को एन.एस.एस., एन.सी.सी., खेल और सामाजिक गतिविधियों के माध्यम से भी प्रशिक्षित करते हैं। एन.एस.एस. के शिविर विद्यार्थियों में सेवा और त्याग की भावना भरते हैं, वहीं एन.सी.सी. उनके भीतर अनुशासन, नेतृत्व और राष्ट्रप्रेम का संचार करती है।हमारा विश्वास है कि शिक्षा का उद्देश्य केवल नौकरी प्राप्त करना नहीं, बल्कि ऐसा जीवन जीना है जिसमें विद्यार्थी अपने परिवार, समाज और राष्ट्र के लिए उपयोगी बनें। इस दृष्टि से हमारा प्रयास है कि हम छात्रों में नैतिक मूल्यों, सांस्कृतिक चेतना और आधुनिक तकनीकी कौशल का संतुलित विकास करें।

भविष्य की ओर देखते हुए हम यह संकल्प लेते हैं कि डी.ए.वी. कॉलेज, चीका को न केवल शैक्षणिक उत्कृष्टता का केंद्र बनाएंगे, बल्कि इसे अनुसंधान, नवाचार और सामाजिक उत्थान का भी प्रमुख केंद्र बनाएंगे। डिजिटल शिक्षा, कौशल विकास और अनुसंधानपरक अध्यापन पद्धतियों के माध्यम से हम अपने विद्यार्थियों को 21वीं सदी की चुनौतियों के लिए तैयार कर रहे हैं।

प्रिय विद्यार्थियों, आप ही भविष्य के निर्माता हैं। अनुशासन, परिश्रम और सेवा भावना को अपना मार्गदर्शक बनाकर जीवन में आगे बढ़ें। सफलता निश्चय ही आपके कदम चूमेगी।

आप सभी को उज्ज्वल भविष्य और सार्थक जीवन की हार्दिक शुभकामनाएँ।          

                                 Dr.Jasbir Singh

                                     (Principal)